Skip to main content

आतंकवाद का इलाज !1972 म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार और इजरायल का बदला !




आतंकवाद पे हमारे नेता सिर्फ भाषण देते हे हमें इसराइल के पूर्व प्रधान मंत्री गोल्डा मीर से प्रेरणा लेने की जरूरत है । आतंकियों के घर फूल भेजता है और लिखकर देता है, ‘याद रखना न हम भूलते हैं न ही माफ करते हैं’ । फिलिस्तीनी आतंकवादियो ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक गेम्स विलेज में घुसकर 12 इस्राइली खिलाडियों की हत्या कर दी थी ।तब तत्कालीन इस्राइली प्रधानमंत्री श्रीमती गोल्डा मायर ने कोई भी बयान नहीं दिया।उन्होंने सारे मृत खिलाडियो के घरवालो को खुद फोन करके कहा की हम बदला लेकर रहेंगे।उन्होंने अपनी गुप्तचर एजेंसी मोसाद को पूरी छुट दे दी।और कहा इस घटना में जितने लोग भी शामिल है,वो चाहे दुनिया के किसी भी देश में हो उनको जिन्दा नहीं रहने देना है।मोसाद ने पता लगा लिया की इस हत्याकांड में 14 आतंकवादी शामिल थे ।
१ - एक आतंकवादी सलाह खलिफ जेदाह में अपने परिवार के साथ रहता था ..... मोसाद ने उसके घर में रखे टेबल जिस पर फ़ोन रखा था।ठीक वैसा ही टेबल रख दिया और टेबल के अन्दर बम फिट करके उसका कनेक्शन फोन से जोड़ दिया।फिर उसके फोन की घंटी बजी .... उसने जैसे ही फोन उठाया उसके चीथड़े उड़ गए।
2 - एक आतंकवादी अबू दयुद बेरुत में छुपा था।मोसाद ने उसकी पूरी दिनचर्या पर नज़र रखी।वो एक क्लब में रोज जाता था।इजराइल ने अपने खतरनाक कमांडो को बेरुत भेजा।जिसमे सिर्फ 3 लोग थे, एक कमांडो बेंजामिन नेतान्याहू [इज़राइल के वर्तमान प्रधानमंत्री है।] एक ख़ूबसूरत लड़की का भेष रखकर उस क्लब में नाच रहे थे जैसे ही वो आतंकवादी उनके करीब नाचने के लिए आया बेंजामिन ने अपनी फुल्ली औटोमटिक गन से गोलियों की बौछार कर दी 15 लोग मरे गए, और बेंजामिन और उनका साथी जो उनको कवर कर रहा था लेबनानी पुलिस के नकली गाड़ी में फरार हो गए।
3 - एक आतंकवादी अमिन अल हिंदी को मोसाद ने अम्मान में उसके बिल्डिंग के नीचे गोलियों से भुन दिया।
4 - अब बाक़ी बचे आतंकवादियो ने डरकर आत्मसमर्पण करने का प्रस्ताव भेजा लेकिन गोल्डा मायर ने कुछ नहीं बोला चौथे आतंकवादी अबू फयाज।जो छुप कर हेलसिंकी में रहता था।उसे कार से कुचल कर मार दिया गया।
5 -पाचवे आतंकवादी अली हसन सलामेह जो पेरिस में छुपा था।वही उसको साइनाइड जहर देकर मार दिया गया।
6 - महमूद हम्शारी को दमिस्क में गोली मारी गयी।इस तरह गोल्डा मायर ने एक एक को चुन चुन कर पूरी दुनिया में मारा।
और हम एक तुच्चे दाऊद इब्राहिम नहीं पकड़ सकते !!!!!
इस ऑपरेशन के बाद भी क्या आतंकवाद का खात्मा हो गया? क्या इजरायल पर आज भी आतंकी हमले नहीं हो रहे? बदला तो नहीं लेकिन ये भी सही है कि इजरायल जवाब दे रहा है, और उसी भाषा में दे रहा है, जिसे आतंकी समझते हैं. उसके नागरिकों को कम से कम ये सुकून जरूर है कि ये जो आतंकी हमले हो रहे हैं, ये उनकी सरकार की ही उस कार्रवाई के जवाब में हैं, जिसमें कई आतंकी मार गिराए गए. मैं भी ऐसे ही भारत में रहना चाहता हूं. बस.



ये जानकारी पसंद आई हो तो दुसरो को भी सेर करे और ज्ञान को आगे बढ़ाये .

धन्यवाद . प्रणाम जी .

Also See on My Site : - https://idarshan.in/munich-massacre/

Comments

Popular posts from this blog

खाने में सबकी प्रिय चीज के फायदे।

खाने में सबकी प्रिय चीज के फायदे। चीज में उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन और केल्शियम होता हे । इसमें काफी स्वस्थ वर्धक चीजे मोजूद हे जेसे की फास्फोरस,जिंक,विटामिन ए और बी १२ । Cheese  खाने से दांतों में किंडे लगने का खतरा कम होता हे । ये दांतों की सडन भी कम करता हे । उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग भी थोड़ी मात्रा में खाने में मिल कर सकते हे । वेसे तो चीज कई जानवरों के दूध से बनती हे पर गाय के दूध से बनी चीज काफी फायदेमंद होती हे । पनीर उन लोगो को जरुर खाना चाहिए जो शारीरिक श्रम ज्यादा करते हे । अगर आप व्यायाम करने के शोकिन हे तो इसका सेवन आपके लिए काफी फायदे मंद होगा । 20 जनवरी को चीज डे मनाया जाता हे , इसके पोष्टिक गुणों की वजह से । इसे खासकर बच्चो महिलाये और ज्यादा शारीरक श्रम करने वाले व्यक्ति को खाना में लेना चाहिए ।

वे लोग जो ज्यादा पढ लिख नही पाए फिर भी दुनिया इनके कदमो को चूमती हे . famous failures.

जे के रोउलिंग   इनका नाम इतना नहीं जानते तो ये जान लीजिये ये प्रसिध्ध नोवेल जिस पर  हेरी पोटर  फिल्म बन चुकी हे की लेखिका हे अब तक इस नोवेल के कई अध्याय निकल चुके हे जो काफी प्रसिध्ध हो चुके हे,वे  ब्रिटन की रानी   से भी ज्यादा अमीर हो चुकी हे . पर एक वक्त था जब उनके पास काम नहीं था , उनका Divorce हो चूका था , जिस  हेरी पोटर नावेल  का अब तक सात संस्करण निकल चुके हे कभी 12 बार प्रकाशक द्वारा रिजेक्ट हो चूका था. स्टीव जॉब्स  एक वक्त था जब उनको कोलेज से निकाल दिया गया था , इनके पास खुद का कमरा नहीं था , खाने के लिए वे हरे कृष्णा मंदिर जाते थे .एक वक्त वो भी आया जब उन्हें उनकी ही कम्पनी से निकाल दिया गया था . 1974 में वे भारत आये थे कुछ पाने की ख्वाहिश में ,यहाँ वो  नीम करोली बाबा के आश्रम  गये थे पर उनका पहले ही स्वर्गवास हो चूका था , फिर वहा उन्हों ने  "  Autobiography of a Yogi  " पढ़ी . इस किताब ने उनकी सोचने और विचार ने का नजरिया बदल दिया .  APPLE   कम्पनी आज US$ 207.000 बिलियन (201...

मित्र हो तो कृष्ण सुदामा जेसे।

मित्रता को किसी दिन से नहीं बांधा जा सकता, मित्रता कृष्ण सुदामा जेसी होनी चाहिए जहा अपने दोस्त तकलीफ में हे पता चलते ही बगेर किसी को बताये मदद करे और उसके स्वाभिमान की रक्षा भी करे। सुदामा। हमने कृष्ण सुदामा की कहानी सुनी हे जिसमे ये भी सुना हे की जब कृष्ण सुदामा सांदीपनी ऋषि के आश्रम में अभ्यास करते थे तब जंगल गये लकड़ी बीनने उस वक्त गुरुमाता ने रस्ते में खाने के लिए भोजन दिया था और श्री कृष्ण के भाग का भी भोजन सुदामा खा गये थे पर ये बहुत कम लोगो को पता हे की सुदामा को ये पता चल चूका था जब भोजन दिया जा रहा था तब दरिद्रता का योग था और जो वो भोजन खाता उसके घर भी दरिद्रता आएगी। सुदामा ने इस लिए वो भोजन खा गये थे ताकि उनके मित्र के घर दरिद्रता न आये, मित्र को बचा लिया।इसीलिए कहा गया हे मित्र ऐसा ढूँढिये ढाल जेसा होए ,दुःख में हमेशा आगे रहे सुख में पीछे होय ! श्री कृष्ण।   कृष्ण को पता था की सुदामा ने अजाचक व्रत लिया था यानि कुछ भी हो / जरूर पड़े किसीके सामने हाथ नहीं फैलाना भले मृत्यु क्यों न आ जाये। जब कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ तो अन्तर्यामी श्री कृष्ण ने उनके माथे पर लिखा श्री क्षय ...