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सुविचार .



चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है, 
परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है |
हारा हुआ उसे नहीं कहते जो गिर जाए ....
हारा हुआ उसे कहते जो गिर करउठने की कोशिश ना करे
धन तो वापस किया जा सकता है परन्‍तु सहानुभूति के शब्‍द वे ऋण हैं
जिसे चुकाना मनुष्‍य की शक्ति के बाहर है

कर्मों का फल अवश्‍य मिलता है, पर हमारी इच्‍छानुसार नहीं, 
कार्य के प्रति हमारी आस्‍था एवं दृष्टि के अनुसार |
- Govinddevgiri ji .


ये जानकारी पसंद आई हो तो दुसरो को भी सेर करे और ज्ञान को आगे बढ़ाये .

धन्यवाद . प्रणाम जी . जय हिन्द। 

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