तुलसी और तुलसी का महत्व
संस्कृत
वृन्दा,सुगंधा ।
हिंदी
तुलसी ,वैष्णवी |
तुलसी की महिमा बताते हुए भगवान शिव नारदजी से कहते हैं-
पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक् स्कन्धसंज्ञितम्।
तुलसी संभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम्।।
अर्थात् 'तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं।'
१. तुलसी रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित करने
की क्षमता रखती है !!
की क्षमता रखती है !!
२. शरीर के वजन को नियंत्रित रखने हेतु भी तुलसी अत्यंत
गुणकारी है !! इसके नियमित सेवन से
भारी व्यक्ति का वजन घटता है एवं पतले व्यक्ति का वजन
बढ़ता है यानी तुलसी शरीर का वजन आनुपातिक रूप से
नियंत्रित करती है !!
३. तुलसी के रस की कुछ बूँदों में थोड़ा-सा नमक मिलाकर
बेहोश व्यक्ति की नाक में डालने से उसे शीघ्र होश आ
जाता है !!
४. चाय बनाते समय तुलसी के कुछ पत्ते साथ में उबाल लिए
जाएँ तो सर्दी, बुखार एवं मांसपेशियों के दर्द में राहत
मिलती है !!
५. १० ग्राम तुलसी के रस को ५ ग्राम शहद के साथ सेवन
करने से हिचकी एवं अस्थमा के रोगी को ठीक
किया जा सकता है !!
६. तुलसी के काढ़े में थोड़ा-सा सेंधा नमक एवं पीसी सौंठ
मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है !!
७. दोपहर भोजन के पश्चात तुलसी की पत्तियाँ चबाने से
पाचन शक्ति मजबूत होती है !!
८. १० ग्राम तुलसी के रस के साथ ५ ग्राम शहद एवं ५
ग्राम पिसी कालीमिर्च का सेवन करने से पाचन
शक्ति की कमजोरी समाप्त हो जाती है !!
९. दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियाँ डालने से
पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है !!
१०. रोजाना सुबह पानी के साथ तुलसी की ५
पत्तियाँ निगलने से कई प्रकार की संक्रामक
बीमारियों एवं दिमाग की कमजोरी से
बचा जा सकता है !! इससे स्मरण शक्ति को भी मजबूत
किया जा सकता है !!
११. ४-५ भुने हुए लौंग के साथ तुलसी की पत्ती चूसने से
सभी प्रकार की खाँसी से मुक्ति पाई जा सकती है !!
१२. तुलसी के रस में खड़ी शक्कर मिलाकर पीने से सीने के
दर्द एवं खाँसी से मुक्ति पाई जा सकती है !!
१३. तुलसी के रस को शरीर के चर्मरोग प्रभावित
अंगों पर मालिश करने से दाग, एक्जिमा एवं अन्य
चर्मरोगों से मुक्ति पाई जा सकती है !!
१४. तुलसी की पत्तियों को नींबू के रस के साथ पीस कर
पेस्ट बनाकर लगाने से एक्जिमा एवं खुजली के रोगों से
मुक्ति पाई जा सकती है !!
धन्यवाद . प्रणाम जी . जय हिन्द।
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